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दीव जिला स्थित संघ प्रदेश प्रशासन के सभी कार्यालयों, केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, सरकारी उपक्रमों, निगमों, शैक्षिणक/तकनीकी संस्थानों एवं स्थानीय निकायों में आग्रह, प्रेरणा एवं प्रोत्साहन से राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देना ।
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गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, नई दिल्ली एवं क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (पश्चिम), नवी मुम्बई द्वारा जारी निर्देशों को परिचालित करना ।
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दीव के सरकारी कार्यालयों में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति को मॉनिटर करना, समीक्षा करना एवं आवश्यक सलाह/सुझाव देना ।
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प्रशासन के सभी कार्यालयों से तिमाही हिन्दी प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करना और उनका समेकन कर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली को भेजना।
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नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों का आयोजन करना ।
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बैठकों में तिमाही हिन्दी प्रगति रिपोर्टों की समीक्षा करना एवं राजभाषा हिन्दी के प्रगामी प्रयोग से संबंधी निर्णय लेना ।
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बैठक में लिए गए निर्णयों पर अनुवर्ती कार्रवाई करना ।
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कर्मचारियों को हिन्दी भाषा, हिन्दी टंकण एवं हिन्दी आशुलिपि का प्रशिक्षण प्रदान करना ।
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अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन करना ।
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कंप्यूटर पर हिन्दी में काम करने के लिए एन.आई.सी. व अन्य के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना ।
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केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, नई दिल्ली के सहयोग से कर्मचारियों को हिन्दी अनुवाद का प्रशिक्षण देना ।
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कार्यालयों से प्राप्त कागजातों, पत्रों आदि का अंग्रेजी से हिन्दी और विलोमत: अनुवाद करना ।
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राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत जारी होनेवाले कागजातों को द्विभाषी रूप में जारी करने के लिए तत्काल अनुवाद करना ।
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प्रशासन में प्रयोग होनेवाले कोड, मैनुअलों को अनुवाद के लिए केन्द्रीय अनुवाद ब्यूरो, नई दिल्ली को भेजना ।
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राजभाषा उप-निरीक्षण समिति द्वारा प्रशासन के कार्यालयों में हिन्दी कामकाज का निरीक्षण करना एवं आवश्यक सलाह/सुझाव देना ।
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अधिकारियों व कर्मचारियों को हिन्दी में काम करने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करना ।
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कार्यालयों के लिए हिन्दी में सर्वाधिक काम करने हेतु चलशील्ड पुरस्कार योजना को लागू करना ।
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विभिन्न राष्ट्रीय त्योहारों पर दिये जानेवाले शीर्षस्थ अधिकारियों के भाषणों को तैयार करना/अनुवाद करना ।
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हिन्दी दिवस एवं हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन करना ।
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हिन्दी गोष्ठियों, संगोष्ठियों, संध्याओं, सम्मेलनों आदि का आयोजन करना ।
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विभागीय वार्षिक पत्रिका ‘राजभाषा सुरूचि’ का प्रकाशन करना ।
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शीर्षस्थ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर सौंपे गए अन्य अपेक्षित कार्यों को पूरा करना ।